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अग्नि सूक्त, विष्णु सूक्त ,इन्द्र सूक्त के महत्वपूर्ण प्रश्न
महत्त्वपूर्ण प्रश्न---------------------------------------------- (1).अग्नि सूक्त का छंद है?-------गायत्री छंद
(2)इंद्र सूक्त का छंद है?----त्रिष्टुप छंद
(3)विष्णु सूक्त का छंद है?------त्रिष्टुप छंद
(4)विष्णु शब्द का अर्थ है?---तीनो लोको को प्रकाशित करने वाला अथवा व्यापक
(5)'त्रिविक्रम 'शब्द प्रयुक्त है--विष्णु देव के लिए
(6)उरुक्रम और उरुगाय विशेषण किस देवता के लिए प्रयुक्त हुआ है ----- विष्णु के लिए
(7)परम पद के अधिष्ठाता के रूप में माने जाने वाले देवता है ----विष्णु
(8)पुराणों के अनुसार किसके लोक को गोलोक कहते है?----विष्णु लोक को
(9)तीन प्रकार से अथवा तीन पग में ब्रह्मांड को नापने वाले देव हैं?----विष्णु
(10)प्रथम मण्डल के 154 वे सूक्त में किसकी स्तुति है?---विष्णु देवता की
(11)प्रथम मंडल के154वे सूक्त में कितने मंत्रों में विष्णु देवता की स्तुति की गई है?-----6मंत्रों में
(12)पुरोहित: , कविक्रतु: ,जातवेदा: विशेषण किस देवता के है?----अग्नि देवता
(13) कविक्रतु: शब्द का अर्थ है?------ अतीत और अनागत यज्ञादि कर्मों को जानने वाला
(14) चित्रश्रवस्तम: विशेषण है?-----अग्नि देवता का
(15).मरुतों की सहायता पाने के कारण किसे मरुत्वान कहा गया है?----इन्द्र
(16)मघवा किसका पर्याय है?------इन्द्र का
(17)इन्द्र का प्रिय पेय है?---- सोमरस
(18)इन्द्र ने किसके द्वारा गुफा में रोकी गई गायों को बंधन से मुक्त कराया ?----बल नामक असुर द्वारा
(19) वह कौन सा देव है जिसने दास वर्ण को वश में कर के गुफा में डाल दिया था?-------इन्द्र
(20)इन्द्र ने शम्बर नामक असुर को कितने वर्षों में खोजा था?----40वी शरद में(40 वर्षों में)
(21) सात जल धाराओं को प्रवाहित करने वाले देव हैं ?-----इन्द्र
(22)स्वर्ग में जाते हुए रौहिण नामक असुर को किसने मारा?-----इन्द्र ने
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