जिंदगी में बहुत कुछ सीखा है लेकिन अभी और सीखना बाकी है।
बहुत तप चुके अन्दर से हम अब शायद निखरना बाकी है।
परिस्थितियां तो हमें नहीं हरा पायी शायद अब उनका हारना बाकी है।
सपने तो बहुत देख चुके शायद अब सच होना बाकी है।
थक कर बैठ नहीं सकते शायद अभी कुछ दूरी और चलना बाकी है।
हर पल मुस्कुराना सीख चुके अब दुनिया मे छा जाना बाकी है।
विशेष= दोस्तों, मैने कुछ समय पहले ही अपनी पुस्तक शोभा सृष्टि कविता संग्रह प्रकाशित करवायी है।जिसमे जीवन सेजुडी़ बातें जैसे माँ ,दोस्त,सपने,ख्वाहिशे, समय, मुस्कुराहट, जुनून,शिक्षक, कोरोना की भयावहता साथ ही अपनो कीएकता आदि बिषयो को कवितारूप में स्थान दिया है।
यह पुस्तक Amazon,Flipcart,notion press.com पर उपलब्ध है। अधिक जानकारी के लिएनीचेदिये जा रहे लिंक पर क्लिक करे✍️👇और
अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें🙏🙏
https://notionpress.com/read/shobha-srishti
मुझे उम्मीद है कि मेरा यह छोटा सा प्रयास
सार्थक होगा आप सभी मेरा उत्साहवर्धन करेंगे
धन्यवाद✍️🙏