बुधवार, 2 जून 2021

कविता =फरिश्तें....

दुनिया की इस भीड़ में कौन किसे पहचानता है।

जो रखता है काबिलियत दिलो को जीतने की

 जमानाउसे ही जानता है।

 इस दुनिया में जाने कितनी तरह के लोग बसते है

कोई लगा हुआ है अपनी तिजोरियाँ भरने, 

तो कोई दोनो हाथो से खुशियाँ लुटा रहा है।

किसी का दिल पत्थर है, तो किसी का दिल

 इंसानियत के लिए धड़क रहा है।

इंसानों की इस बस्ती में सच्चा इंसान मिलना भी कठिन सा है....

अगर फरिश्ता मिल जाये तो क्या कहना...


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माँ गागर में सागर


Golden words   


धन्यवाद......✍️🙏











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