मेरे हर शब्द में तू समाहित माँ
तेरी कृपा बिन न मैं कलम उठा पाती
न ही दो शब्द भी लिख पाती।
तेरी इस असीमकृपा को मेरा अनन्त वंदन है।
तूने मुझे बना दिया माटी से चंदन है।
तेरी कृपा से ही यह सृष्टि मानो जीवंत है।
तेरे प्रेम से ही हर जीवन में छाया वसंत है।
आज खिली फूलों की हर डाली तेरे स्वागत में झूम रही है।
बहती मंद मंद बयार तेरे पावन चरणों को चूम रही है।
तेरी ही अपार महिमा से एक अनोखी धुन सृष्टि का हर कण गा रहा है।
माँ तेरी दिव्य ज्योति से ही यह जहां शोभायमान हो रहा है।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ....✍️
🙏💐💐