"किरातार्जुनीयम् महाकाव्य" का" प्रथम सर्ग"------भारवि द्वारा रचित" किरातार्जुनीयम्" महाकाव्य में कुल** 18** सर्ग है जिसमें प्रथम सर्ग का अपना विशिष्ट महत्त्व है। इस सर्ग में एक किरात या वनेचर का उल्लेख प्राप्त होता है जिसे धर्मराज युधिष्ठिर अपना गुप्तचर बनाकर दुर्योधन की शासन व्यवस्था का ज्ञान प्राप्त करने के लिए दुर्योधन के समीप हस्तिनापुर भेजते है, वह एक ब्रह्मचारी का वेष बनाकर जाता है,ताकि कोई उसे पहचान न ले ।वह दुर्योधन कि शासन व्यवस्था के संबंध में जानकर द्वैतवन में वापस लौटता है ,जहाँ युधिष्ठिर अपने सभी भाईयो तथा अपनी पत्नी द्रौपदी सहित वनवास का समय व्यतीत कर रहे थे वह वहाँ आकर दुर्योधन के शासन संचालन की प्रशंसा करता है वह विना किसी भय के वास्तविक सूचना युधिष्ठिर को देना अपना कर्तव्य मानता है जिससे प्रभावित होकर युधिष्ठिर उसे पारितोषिक प्रदान करता है यह घटना प्रथम सर्ग में वर्णित है। किरातार्जुनीयम् प्रथम सर्ग के महत्त्वपूर्ण प्रश्न--------- 1. महाकवि भारवि का वास्तविक नाम था ?-----दामोदर। 2. महाकवि भारवि का स्थिति काल माना जाता है?------600ई. के लगभग। 3.भारवि के माता पिता का नाम ?-----भारवि की माता का नाम सुशीला पिता का नाम श्रीधर था। 4.भारवि की पत्नी का नाम था ?-----रसिकवती या रसिका 5. भारवि भारत के किस भाग में रहने वाले थे?------दक्षिण भारत में 6.महाभारत में धर्मराज किसे कहा गया है? युधिष्ठिर को 7.धूतक्रीडा में पराजित पांडव कहाँ निवास करते हैं ?------द्वैतवन में 8.ब्रह्मचारी का वेष धारण कर के कौन हस्तिनापुर गया था?------वनेचर 9.दुर्योधन के वृतांत को ज्ञात करने के लिए गुप्तचर वनेचर को युधिष्ठिर ने कहाँ भेजा ? हस्तिनापुर 10"कुरुणाम् अधिपस्य"यह शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है ?---------दुर्योधन के लिए 11.हितकारी और मन को अच्छे लगने वाले वचन कैसे होते हैं?-------दुर्लभ 12.सब संपत्तियां निश्चित रूप से सदा प्रेम कब करती हैं?-------राजाओं और अमात्यो के अनुकूल होने पर। 13.राजा लोगों का चरित्र कैसा होता है? स्वभाव से ही समझ में नहीं अाने वाला । 14. वनेचर के अनुसार दुर्योधन जुए के बहाने से जीती हुई पृथ्वी को अब किसके द्वारा जीतने की इच्छा कर रहा है?---------नीति के द्वारा 15.दुर्जनो की मित्रता की अपेक्षा किस से विरोध करना कुछ अच्छा माना जाता है?----सज्जनों से 16.किसके द्वारा बताई गई प्रजापालन की पद्धति अच्छी मानी गई है?------मनु महाराज के द्वारा । 17.दुर्योधन अन्याय के आचरण को कैसे रोकता है?------दंड विधान से अर्थात दमन कर के 18. वनेचर के अनुसार कार्य समाप्ति पर दुर्योधन अपनी कृतज्ञता कैसे प्रकट करता है?--------अपने अनुजीवियों को धन देने से 19.नदियों व नहरों के जल से सिंचाई करने वाले लोगों को क्या कहा गया है ?------------नदीमातृक । 20जिन देशों के लोग केवल वर्षा के जल पर ही आश्रित रहते हैं, उन्हे क्या कहते हैं?------देवमातृक 21.अपने और पराए लोगों के कार्यों को दुर्योधन कैसे जानता है?----सच्चरित्र वाले गुप्तचरों के द्वारा। 22.दुर्योधन का कार्य उद्योग किस की तरह प्रतीत होता है?---------विधाता की भाँति 23.दुर्योधन की आज्ञा को अन्य राजा लोग किस भाँति धारण करते हैं?--------माला कीभाँति 24.दुर्योधन यज्ञों में किसके द्वारा अग्नि को तृप्त करता है?----------हवि के द्वारा 26.दुर्योधन की धान्य संपत्ति का कारण क्या था?----------अधिक जल का होना 27. किसके साथ शत्रुता रखने का परिणाम हमेशा दुखदायी होता है?-------अपने से अधिक बलवान से । 28.शमेन सिद्धि: मुनयों: न भभृत: यह कथन किसका है ?------द्रौपदी का । 29. द्रौपदी के कथनानुसार शांति के द्वारा सिद्धि किसे प्राप्त होती है? ---------मुनियों को 30. दुर्योधन की सफलता को सुनकर युधिष्ठर के सामने किसने क्रोध पूर्ण वाणी में कहना प्रारम्भ किया?-------द्रौपदी ने 31. द्रौपदी के कथनानुसार स्वाभिमानी लोगों के लिए पराभव कैसा होता है ?-------उत्सव के समान 32.मद स्त्रावी हाथी के द्वारा फेंकी गई माला की तरह यह समग्र पृथ्वी किसने अपने हाथ से फेंक दी?--------युधिष्ठिर ने 33किसके द्वारा कहा गया उपदेश वचन तिरस्कार की तरह होता है?------स्त्री जन के द्वारा कहा गया । 34असुरक्षित शरीर वालों के अंदर घुस कर प्राण ले लेते हैं ?-----तीखे बाण 35किरातार्जुनीयम् के प्रथम सर्ग के अनुसार शत्रुकृत दुर्दशा से किसे परम वेदना का अनुभव होता है?--------द्रौपदी को।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें