अगर खुले आसमां में उडने को है बेकरार
फिर उडने को कर हौसलो के पंखो को तैयार
रंग बिरंगे खगो की उडान को निहार तू
समाज की जंजीरो से मुक्त होकर भर दिल से गहरी (ऊँची)उडान तू
जीवन को बना ले एक खुला आसमान
इंद्रधनुषी होगी देख फिर तेरी देख शान
उडान |
हे कृष्ण.....मुझे अर्जुन बना दीजिए
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएं