सांख्यदर्शन#सांख्यकारिका के महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
1.सांख्य दर्शन के प्रवर्तक है ?
महर्षि कपिल
/> 2.सांख्यकारिका पर सांख्यकौमुदी टीका किसने लिखी वाचस्पति मिश्र ने
सांख्य दर्शन के अनुसार दुख कितने प्रकार का है?
तीन प्रकार
आदिदैविक, आदिभौतिक और आध्यात्मिक
3.सांख्य दर्शन में अशक्ति के कितने भेद बताए हैं?
28
सांख्य दर्शन द्वैतवादी है।
4.सांख्य दर्शन के अनुसार अपवर्ग (मोक्ष) का कारण क्या है? विवेक
5.सांख्य दर्शन के अनुसार बंधन का कारण है?
अविवेक
/> 6.सांख्य दर्शन के अनुसार कितने प्रमाण हैं?
3
1.प्रत्यक्ष प्रमाण 2. अनुमान प्रमाण 3. शब्द प्रमाण
सांख्य दर्शन उपमान प्रमाण को नहीं मानता है
7.पंचमहाभूतो की प्रकृति है ?
अहंकार
8.अहंकार की प्रकृति है?
महत्त् (बद्धि)
प्रकृतेर्महांस्ततो अहंकारतस्माद् गणश्च षोड़शक: ।
तस्मादपि षोड़शकात्पञ्चभ्य:पञ्च भूतानि ।
उपर्युक्त श्लोक के अनुसार मूल प्रकृति से महत् ,महत् से अहंकार ,अहंकार से सोलह तत्वों का समूह है( एकादश इंद्रियां और पांच तन्मात्राएं ) पांच तन्मात्राओ से पंचमहाभूत उत्पन्न हुए है।9.सांख्य दर्शन के अनुसार सत्व रज और तम गुणों की साम्यवस्था कहलाती है?
मूल प्रकृति
10.सांख्य दर्शन के अनुसार त्रिगुणात्मक, अविवेकी, विषय ,सामान्य प्रसवधर्मिता किसके गुण है?
मूल प्रकृति के
प्रसवधर्मिता का अर्थ =उत्पन्न करने की क्षमता
11.प्रकृति आत्मा को कितने रूपों के द्वारा बांधती है
7 रूपों के द्वारा
12.आप्तवाक्यं वाक्यम किम् ? शब्द:
13.लघुऔर प्रकाशक यह किस गुण की विशेषता है?
सत्व गुण की
सत्व गुण रजोगुण और तमोगुण के संबंध में निम्न श्लोक द्ष्टव्य है?
/>
सत्वं लघु प्रकाशकमिष्टमुपष्टम्भकं चलञ्च रज: ।
गुरु वरणकमेव तम,प्रदीपवच्चार्थतो वृति:।।उपर्युक्त श्लोक के अनुसार सत्व गुण लघु और प्रकाशित करने वाला है, रजोगुण उपस्टम्भक और अस्थिर स्वभाव वाला होता है, तमोगुण भारी और सत्य और असत्य पर आवरण डालने वाला होता है
निष्कर्ष= सांख्यकारिका सांख्य दर्शन का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जिसके रचयिता ईश्वर कृष्ण है।सांख्य दर्शन में कुल 25 तत्व कुल माने गए हैं जो इस सृष्टि की उत्पत्ति में सहायक है।
दोस्तों सांख्य दर्शन टॉपिक बहुत महत्वपूर्ण है संस्कृत की प्रतियोगी परीक्षाओंं जैसेFirst grade#Net#Set मे इससे एक से अधिक प्रश्न पूछे जाते हैं। नीचे दिए गए links पर क्लिक करके भी आप इसके संबंध में और अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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सांख्यदर्शन के अनुसार मोक्ष,जीवन्मुक्त,विदेहमुक्त
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