Shobha Srishti यह" संस्कृत विषय एवं प्रेरणासम्बंधित ब्लॉग है, Motivational and Education Category blog
शनिवार, 25 मई 2019
मंगलवार, 21 मई 2019
संस्कृत में कारक (Karak in sanskrit )Practice set 1
संस्कृत में कारक (Karak in sanskrit )Practice set 1
कारक प्रकरण --अभ्यासार्थ प्रश्न कारक कितने है?---षड़ (छ:) विभक्ति कितनी है?--सप्त (सात) "सम्बोधने च सूत्र" से सम्बोधन में कौनसी विभक्ति होती है?--प्रथमा हे राम!अत्र आगच्छ। इस वाक्य में सम्बोधन में कौनसी विभक्ति प्रयुक्त है?--प्रथमा विभक्ति,एकवचन "कर्मणि द्वितीया" सूत्र से किस कर्म में द्वितीया होगी?--अनुक्त कर्म में उक्त कर्म में कौनसी विभक्ति होती है?--प्रथमा विभक्ति कर्मसंज्ञा विधायक सूत्र कौनसा है?--कर्तुरीप्सिततमं कर्म हरि ओदनं खादति यहाँ 'ओदनम्' में द्वितीया विभक्ति किस सूत्र से है?-- "कर्मणि द्वितीया" सूत्र से कर्मणि द्वितीया किस प्रकार का सूत्र है?--विधि सूत्र वामन:बलिं याचते वसुधाम् मे गौण कर्म क्या है?--बलिम् वामन:बलिं याचते वसुधाम् में मुख्य कर्म है?--वसुधाम् गौण कर्म/अप्रधान कर्म में कर्म संज्ञा किस सूत्र से होती है?--अकथितञ्च मुख्य कर्म में कर्म संज्ञा विधायक सूत्र है?-- कर्तुरीप्सिततमं कर्म । गां दोग्धि पय:में मुख्य कर्म तथा गौण कर्म कौनसा है?--गां गौण कर्म तथा पय: मुख्यकर्म है। माणवकं पन्थानं पृच्छति में किस धातु के योग में माणवक की कर्म संज्ञा होती है?--पृच्छ धातु ग्रामं अजां नयति कारक की अविवक्षा कर माणवक की कर्म संज्ञा की गई है?--करण कारक की "अभितपरितसमयानिकषा हा प्रतियोगेअपि" सूत्र से किस विभक्ति का विधान है? द्वितीया विभक्ति ग्रामं परित: वृक्षाणि सन्ति में द्वितीया विभक्ति किसके योग में है?-- परित के योग में दुर्जनं धिक् इस वाक्य में द्वितीया विभक्ति किस सूत्र से है?--उभसर्वतसो कार्याधिगुपर्यादिषु त्रिषु द्वितीयाम्रेडितान्तेषु ततो अन्यत्रापि दृश्यते "हरि: वैकुण्ठम् आवसति" में कर्मविधायक सूत्र कौनसा है?-- उपान्वध्याड़्वस: सूत्र से उप,अनु ,अधि उपसर्गपूर्वक यदि वस् धातु हो तो कौनसी संज्ञा होती है?--कर्म संज्ञा हरि: वैकुण्ठम् उपवसति यहाँ कर्मसंज्ञा किस सूत्र से है?--उपान्वध्याड्वस:सूत्र से
हा कृष्णाअभक्तम् वाक्य में द्वितीया किस के योग में है?--हा के योग में अन्तरा अन्तरेण जिस पद के संबंध में उसमे कौनसी विभक्ति लगती है?--द्वितीया अन्तरा पद का अर्थ है?--मध्य में अन्तरेण पद का अर्थ है?--विना हरिं अन्तरेण न सुखम् में हरि पद में द्वितीया विभक्ति किस सूत्र से हुई है?--अन्तराअन्तरेण युक्ते कालवाची ,मार्गवाची शब्दो से अत्यन्त संयोग होने पर कालवाची और मार्गवाची शब्दों में कौनसी विभक्ति होगी?--द्वितीया मासं गुड़धाना, क्रोशं कुटिला नदी इन दोनो वाक्यों में कालवाची,मार्गवाची शब्दों में द्वितीया किस सूत्र के कारण है?--अत्यन्तसंयोगे कालाध्वनोरत्यन्तसंयोगे सूत्र से
प्रत्यय प्रकरण से परीक्षा में पूछे गए प्रश्न (यह भी पढे़)
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शुक्रवार, 17 मई 2019
Meghdoot (khandkavya) ,Mahakavi kalidas/मेघदूत/पूर्वमेघ के महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
Meghdoot (khandkavya) ,Mahakavi kalidas मेघदूत का सामान्य परिचय--"मेघदूत" नामक खंडकाव्य महाकवि कालीदास की रचना है।जो दो भागो मे विभाजित है(1)पूर्वमेघ (2)उत्तरमेघ ।मेघ को दूत बनाकर रचा गया यह खंडकाव्य रामायण में हनुमान को दूत बनाकर भेजने की कल्पना से प्रेरित है। नलोपाख्यान में भी राजा नल हंस को दूत बनाकर दम्यन्ती के पास भेजता है। मेघदूत में विरही यक्ष का वर्णन है धनपति कुबेर का सेवक यक्ष अपने स्वामी के कार्य में प्रमाद के कारण अभिक्षप्त होकर अपनी पत्नी से वियुक्त रामगिरि पर्वत पर निवास करता है। वह एक वर्ष के लिए अपनी नगरी अलकापुरी से निर्वासित है शाप के 8महीने बीत जाने पर आषाढ़ मास के प्रथम दिवस पर उसे उत्तर दिशा में मेघ के दर्शन होते है।अपनी प्रिया के वियोग में अत्यंत व्याकुल यक्ष अचेतन मेघ के द्वारा अपनी कुशलता के समाचार यक्षिणी के पास भेजना चाहता है।इसी प्रसंग में वह रामगिरी से अल्कापुरी तक के मार्ग का वर्णन करता हैइस मार्ग वर्णन में वह विशेष स्थानों जैसे मालवा प्रदेश आम्रकूट पर्वत ,नर्मदा नदी, विदिशा नगरी,नीचैगिरि, विंध्याचल,निर्विन्ध्या नदी, रेवा नदी, उज्जैन के महाकाल मंदिर, क्षिप्रा नदी, गंभीरा नदी दशपुर,ब्रह्मावर्त, देवगिरि, चर्मवती नदी, कुरूक्षेत्र, सरस्वती नदी, कनखल, गंगानदी, कोच्ञरन्ध्र, कैलाश पर्वत,अल्कानगरी का स्वाभाविक का वर्णन करता है।फिर अल्कानगरी के आकाशचुम्बी प्रासाद, कुबेर के प्रसाद ,यक्ष के प्रासाद तथा वहां निवास करने वाली यक्षिणी की वियोग दशा का वर्णन है जो एक-एक दिन यक्ष की प्रतिक्षा में बडी कठिनता से व्यतीत कर रही है।अंत मे यक्षिणी के लिए यक्ष का संदेश कि शाप की अवधि के शेष चार माह धैर्यपूर्वक बिताना ।शीघ्र ही हमारा मिलन होगा, तब ये दु:ख के दिन नही रहेंगे।
मेघदूतम् |
शनिवार, 11 मई 2019
Mother's day special 12may 2019
HAPPY Mother's DAY मातृ दिवस की शुभकामनाएँ
आज के इस शुभ,पावन दिन पर सभी मातृशक्तियों को वन्दन करते हुए ईश्वर को धन्यवाद करती हूँ कि ईश्वर ने हमे अपने होने का अहसास एक माँ की गोद, उसके वात्स्ल्य भरे हाथो के स्पर्श के रूप में बार बार करवाया है। माँ बच्चे के जन्म लेने से पूर्व ही उसके गर्भ में आने पर बच्चे की देखभाल प्रारंभ कर देती है और जीवनभर उसकी खुशी की, उसके उत्तम स्वास्थ्य की उसके सुनहरे भविष्य के लिए हरपल प्रार्थना करती है।
एक माँ ही तो है,जो भगवान की तरह बच्चे के लिए निस्वार्थ भाव रखती है। एक माँ ही तो है, जो बच्चा कही भूखा ना रहे इसलिए सारी रात जगती है। माँ और हममे बहुत बडा अन्तर है दोस्तो! माँ हमारे लिए बहुत करती है लेकिन हमे थोडा ही लगता है। लेकिन हमारा थोड़ा भी माँ को बहुत लगता है। माँ के इतना करने पर भी धन्यवाद कभी कभार ही देते है हम। लेकिन माँ है कि कभी कभी ख्याल रखने पर ही इतनी दुआएँ देती है। हमारा आत्म विश्वास चाहे कम हो खुद से लेकिन माँ है कि हमारी पीठ थपथपाकर हमें आगे बढा़ देती है। हम क्रोध से भर जाते है वेबजह यारो ।लेकिन माँ नाराजगी की लाख वजह होने पर भी मुस्कुरा देती है। माँ सब की सुनती है, माँ बच्चो के सपने बुनती है। माँ जिन्दगी के हर संघर्ष में हर्ष की कहानी है ,माँ से ही गृहस्थ जीवनकी रवानी है। माँ की महानता हिमालय से भी बडी है, मां भावनाओ की अटूट लडी़ है। माँ का ह्रदय करुणा का सागर, जिसमें हर वक्त प्रेम की अनन्त लहरे उठा करती है। जो हमारे मन की उदासी को बहा ले जाती है। "माँ "केवल शब्द नही पवित्र महाकाव्य है जिसे अपने जीवन में उतारने वाला जीवन में हर कदम पर सफलता की बधाईयाँ पाता है। दुनिया की सभी माँओ को बारम्बार प्रणाम करती हूँ उनके स्वास्थ्य की कुशलता की ईश्वर से प्रार्थना करती हूँ उनकी दीर्घायु हो, वे हमेशा खुशियो से फूलो की तरह महकती रहे ,सपनो के आकाश में अपने आत्मविश्वास भरे पंखो से नित नई बुलन्दियो तक पहुँचे इसी अभिलाषा से एक बार फिर से सभी को मातृदिवस की शुभकामनाएँ ।
माँ maa |
mother with child |
maa ki mahima |
मंगलवार, 7 मई 2019
प्रत्यय प्रकरण से परीक्षाओ में पूछे गए प्रश्न
"प्रत्यय प्रकरण" से परीक्षाओ में पूछे गए प्रश्न (Important questions for all Competitive exam) वृत्+शानच् का रूप बनेगा?---वर्तमान: क्री+शतृ का शुद्ध रूप क्या है?--क्रीणन् क्री+शानच् का शुद्घ रूप क्या है?-क्रीणान: शतृ प्रत्यय किस प्रकार की धातुओ में लगता है?--परस्मैपदी धातुओ में शानच् किस प्रकार की धातुओ में लगता है?--आत्मनेपदी धातुओ में ब्रू+शतृ का शुद्ध रूप क्या है?--ब्रुवण् ब्रू+शानच् का शुद्ध रूप क्या है?--ब्रुवाण: Tag नाट्यशास्त्र के अनुसार नायक के भेद क्तवतु प्रत्यय मे शेष रहता है?--तवत् क्त प्रत्यय में शेष रहता है?--त क्त और क्तवतु प्रत्यय किस काल में प्रयुक्त है?--भूतकाल में मन्+क्त का शुद्घ रूप क्या है?--मत: पूजित: में प्रकृति और प्रत्यय क्या है?--पूज्+क्त "बालकेन रुदितम्" में रुदितम् में कौनसा लिंग है?--नपुंसकलिंग लिख् धातु में क्त प्रत्यय करने पर भाववाच्य में रूप बनेगा--लिखितम् "तौ सत्" यह सूत्र किस प्रत्यय से सम्बन्धित है?--शतृ और शानच् दग्ध:में धातु है?--दह् धातु तृ+क्त का शुद्ध रूप होगा?--तीर्ण: ज्या+क्त का शुद्ध रूप होगा?--जीन: चिन्वान:में प्रकृति-प्रत्यय है?--चि प्रकृति,शानच् प्रत्यय है महाभारत का स्वरूप: साहित्य जगत को देन ण्वुल प्रत्यय में शेष रहता है?--वु " युवोरनाकौ "सूत्र से वु को आदेश होता है?--अक नी+ण्वुल का शुद्ध रूप होगा? --नायक इष्+ण्वुल से शुद्ध रूप होगा?--एषक: " प्रस्तावक:"पद में प्रत्यय है?--ण्वुल प्रत्यय वाचक:में प्रकृति-प्रत्यय है?--ब्रू +ण्वुल चुर्+शानच् से क्या रूप बनेगा?--चोरयमाण: दा+ण्वुल से रूप बनेगा?--दायक: please like this post &share it Thank for visiting this blog.
शनिवार, 4 मई 2019
संज्ञा प्रकरण सम्बन्धित प्रश्नोत्तर Practice set 3
Practice set 3 संज्ञा प्रकरण सम्बन्धित प्रश्नोत्तर 1.हलोनन्तरा संयोग सूत्र से किस प्रकार के वर्णो की संयोग संज्ञा होती है?--स्वरो के व्यवधान से रहित व्यंजन वर्ण समुदाय कीअर्थात् दोया दो से अधिक व्यंजनो के मध्य कोई स्वर नही होता है उदाहरण --इन्द्र,हस्त, राष्ट्र आदि। 2.सुबन्त कितने होते है?--21 सु,औ,जस् आदि 3. तिड़्न्त कितने होते है?-18 जिसमे 9आत्मनेपदी,9परस्मैपदी में होते है। 4. सुप प्रत्ययान्त और तिड़् प्रत्ययान्तो की पद संज्ञा करने वाला सूत्र है?--सुप्तिड़्न्तं पदम् 5. वर्णो की अतिशय निकटता -----कहलाती है?--संहिता 6. संहितासंज्ञा विधायक सूत्र है?-- पर सन्निकर्ष: संहिता 7. अयोगवाह कितने है?--5 8. पाणिनीय व्याकरण के अनुसार यम वर्ण कौनसै है?- कुँ,खुँ,गुँ,घुँ 9. कु,चु,टु,तु,पु किस प्रकार के वर्ण है?--उदित वर्ण। क्योकि ये हस्व उकार इत्संज्ञक है ।ये सभी अपने अपने वर्ग के अन्तर्गत आने वाले सभी वर्णो के बोधक है। संज्ञा प्रकरण से सम्बन्धित प्रश्नोत्तर 10. प्रक्रियाकौमुदी के लेखक है?--रामचन्द्र 11. सवर्ण संज्ञाविधायक सूत्र कौनसा है?--तुल्यास्यप्रयत्नं सावर्ण्यम् 12. वार्तिककार कौन है?--कात्यायन 13. पाणिनि न् संस्कृत वाड़्मय में कितने वर्ण बतलाए गए है?--63या64 14. ऐ,ओ के कितने भेद है?--12 15. माहेश्वर सूत्रो में कुल कितने स्वर है?--9
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