मंगलवार, 15 अक्टूबर 2019

my blogging journey/blogging journey of sanskrit jeeva

my blogging journey/blogging journey of sanskrit jeeva



my blogging journey/blogging journey of sanskrit jeeva
My blogging journey

.दोस्तों आप सभी के आशीर्वाद और साथ की वजह से आज मेरे कई आर्टिकल्स गूगल में फर्स्ट पेज पर रैंक कर रहे हैं मेरे लिए यह काफी बड़ी उपलब्धि है दोस्तों हर चीज की शुरुआत हम पैसे कमाने के लिए करें यह उचित नहीं self-satisfication भी अगर मिल रही है तो यह भी कामयाबी ही है जब आप काबिल बन जाएंगे तो पैसा तो खुद-ब-खुद आपके पास आएगा ही अगर पैसे की बात करें तो 1 वर्ष बीतने पर भी मैं अभी कुछ gain नहीं कर पाई हूं लेकिन पूरे धैर्य के साथ आगे बढ़ रही हूं

 my blog "sanskrit jeeva"

my blog" sanskrit jeeva"



/>  दोस्तों जो मैंने ऊपर Poins बताएंँ है वह मेरी ब्लॉगिंग Journey से सम्बन्धित है इनके आधार पर अगर मुझसे कोई पूछे कि आप ब्लॉगिंग में कितने कामयाब है, तो मेरा उत्तर होगा कि मैं अपने को नाकामयाब नहीं मान सकती मेरी काबिल बनने की कोशिश लगातार जारी है
3 Idiots movie ka dialogue hai काबिल बनने की कोशिश करो कामयाबी तो झक मार कर आपके पीछे आएगी
 
मेरे शब्दों मे ✏️

पकने से से पहले ही ही मीठा फल🍎 चखना चाहते हैं।

हम काबिल बनने से पहले कामयाब बनना चाहते है  
  

दोस्तों अपने माता-पिता के आशीर्वाद, ईश्वर की कृपा और आप सभी के प्रोत्साहन स्वरूप आगे बढ़ती रहूँ इन्हीं शब्दों के साथ आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद करती हूँ। 

गुरुवार, 3 अक्टूबर 2019

महर्षि वाल्मीकि की रामायण #ramayan questions #rpsc 1 grade & all sanskrit exams #रामायण में कितने कांड है?

चतुर्विंशति साहस्त्री संहिता रामायण ,शत साहस्त्री संहिता महाभारत है।
 रामायण मे सात कांड है, महाभारत मे 18पर्व है।
रामायण का सबसे बडा कांड युद्धकांड/लंकाकांड है। 128सर्ग
रामायण का सबसे छोटा कांड किष्किन्धा कांड है 67 सर्ग रामायण मे प्रधान/अंगीरस करुण रस, महाभारत मे प्रधान रस शान्त है।

  तुलसीदास रचित श्री रामचरितमानस का चित्र# ramcharitmanas image
तुलसीदास कृत रामायण


महाभारत की रीति पांचाली
महाभारत का स्वरूप:संस्कृत साहित्य को देन
 वेद और वैदिक साहित्य# संहिता, ब्रह्मण,आरण्यक,उपनिषद
श्रीमदभागवतगीता # Shrimad Bhagwat Geeta #श्रीमद्भागवत गीता में कितने अध्याय हैं?                         
Q महर्षि बाल्मीकि किस नदी के तट पर  स्नान करने जाते हैं?
 A.तमसा नदी के तट पर

Q पंचवटी किस नदी के तट पर स्थित है?
 Aगोदावरी नदी

Q लंका नगरी किस पर्वत पर स्थित थी?
A त्रिकूट पर्वत

Qराजा- सगर आख्यान रामायण के किस कांड में है?
A बालकांड में

Q राजा सगर के 60,000पुत्रों को किसने श्राप दिया था?
A कपिल मुनि ने

Q श्री राम और सुग्रीव की मित्रता का वर्णन किस कांड में है A.किष्किंधा कांड

राम और सुग्रीव की मित्रता किसने करवाई थी?
A. श्री हनुमान ने

Qश्री राम और हनुमान का मिलन किस पर्वत पर हुआ था? A.ऋषिमूक पर्वत

QRam aur Lakshman ko Bala atibala Vidya kisne pradan ki राम और लक्ष्मण को बला अतिबला विद्या किसने प्रदान की?
A.विश्वामित्र ने

Q.महर्षि बाल्मीकि का बाल्यकाल में नाम था ?
A.रत्नाकर

Qअहिल्या का उद्धार, राम द्वारा धनुष भंग, राम और सीता का विवाह ,परशुराम का क्रोध आदि का वर्णन किस कांड में हुआ है ?
A.बालकांड में

Q अहिल्या के पति का नाम?
A. ऋषि गौतम

Q समुद्र मंथन की कथा रामायण के किस कांड में है ?
A.बालकांड में

Q समुद्र मंथन से जो अश्व निकला उसका नाम था?
A. उच्चै:श्रवा

Q.महर्षि वशिष्ठ की पत्नी का नाम?
A.अरुंधति

Q.राजा जनक का मूल नाम क्या था?
A. शिरोध्वज

Q श्रीराम ने स्वयं का दूत बनाकर किसे लंका भेजा था?
A.अंगद को

Q. परशुराम के पिता का नाम था?
A. जमदग्नि

Q. महर्षि बाल्मीकि राम लक्ष्मण को किस प्रयोजन के लिए अपने साथ ले गए?
A. आश्रम की रक्षा के लिए

Q.बाली की पत्नी का नाम था?
A. तारा

Q.विश्वकर्मा के अवतार थे?
 A.नल नील

Q"राम और लक्ष्मण के शबरी के आश्रम मे जाने का वर्णन है " किस कांड में है?
A. अरण्यकांड मे

Q.शबरी के गुरु का नाम था?
 A.महर्षि मतंग

Q.जटायु -संपाती किसके पुत्र थे ?
A.अरुण के
Q. कौसल देश की राजधानी का नाम था?
A. अयोध्या Ram ka rajyabhishek Ram Bharat ka Milan
/> नल नील द्वारा समुद्र पर सेतु बंध , मेघनाथ, रावण का वध सीता की अग्नि परीक्षा, ब्रह्मा द्वारा राम की स्तुति,इन्द्र और दशरथ के उपदेश किस कांड में है
युद्ध कांड/लंकाकाण्ड में

बालकांड के समान अनेक इतिहास और पौराणिक आख्यानो का वर्णन किस कांड में है? Q.राम भरत का मिलन ,राम का राज्याभिषेक की घटनाएं रामायण के किस कांड में है?
A. लंका कांड
याद रखिए राम के राज्याभिषेक की तैयारी का प्रसंग अयोध्या कांड में है जबकि राम का राज्याभिषेक लंकाकांड में हुआ है 

Q.सीता संबंधित जन अपवाद, सीता परित्याग, लव कुश के जन्म ,लवणासुर का वध आदि घटनाओं का वर्णन किस कांड में है?A. उत्तरकांड में

Q. उत्तरकांड में सर्गो की संख्या है?
A. 111

Q.लवणासुर का वध किसने किया?
A.शत्रुघ्न ने
रामायण के कांड और उनमें सर्गो की संख्या/Ramayan questions रामायण के कांड और सर्गो की संख्या 

मंगलवार, 1 अक्टूबर 2019

रामायण महाकाव्य से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य # महर्षि वाल्मीकि की रामायण

 रामायण महाकाव्य से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य 

रामायण/ramayan
रामायण/ramayan



रामायण का समय 500ईसा पूर्व
 सगो की संख्या--645
कुल कांड --7,24000 श्लोक
रचयिता -महर्षि वाल्मीकि (आदि कवि की उपाधि)
रामायण महाकाव्य में मुख्य रस -- करुण रस
 रामायण में  सबसे अधिक बार प्रयुक्त छंद कौन सा है ?-अनुष्टुप छंद

Note आदि कवि महर्षि वाल्मीकि के मुख से सर्वप्रथम जो श्लोक निकला था वह अनुष्टुप छंद मे ही था

रामायण के सात कांडों के नाम तथा उनमे  सर्गो की संख्या

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जैसा की आप सभी जानते है कि रामायण में कुल 7कांड है जिनमें क्रमबद्ध रूप से रामायण की कथा को आगे बढ़ाया गया है।इन सभी कांडों का  इस महाकाव्य में बहुत ही महत्व है आइए हम रामायण के सभी कांडों में वर्णित महत्वपूर्ण  घटनाओं के बारे में  कुछ जानकारी प्राप्त कर लेते हैं

1.बालकांड (Bal Kand)--- यह रामायण का प्रथम कांड इसमें कुल77सर्ग है रामायण  के बालकांड में प्रारंभिक चार सर्गो में रामायण रचना की पूर्वपीठिका दी गई है जिसमें नारद महर्षि वाल्मीकि को राम का जीवन चरित बताते है इसके पश्चात  कौच युगल करुण क्रन्दन सुनकर को सुनकर  बाल्मीकि के हृदय में करुणा उत्पन्न होती है अत्यंत क्रोधित हो कर शिकारी को शाप देते हैं यह श्लोक करुण रस से भरा हुआ था इसके पश्चात ही बाल्मिकी राम कथा लिखने में संलग्न हुए।
  बालकांड में राजा दशरथ की नीति और उनका शासन , संपादित पुत्रेष्टि यज्ञ ,राम लक्ष्मण भरत और शत्रुघ्न का जन्म ,विश्वामित्र द्वारा राम लक्ष्मण को अपने साथ ले जाना, विश्वामित्र द्वारा दोनों भाइयों को अनेक विद्याओं  की शिक्षा देना, विश्वामित्र द्वारा सुनाई गई गंगा पार्वती के जन्म ,कार्तिकेय का जन्म वृतांत ,राजा सागर और उनके साथ हजार पुत्रों का जीवन ,भागीरथ का जीवन,  गंगा का पृथ्वी पर अवतरण, दीति और अदीति , समुद्र मंथन,गौतम अहिल्या, वशिष्ठ और विश्वामित्र का पारस्परिक संघर्ष, त्रिशंकु की महत्वाकांक्षा, राजा अम्बरीष, विश्वामित्रका तपोवन, सीता स्वयंवर के प्रसंग वर्णित है। 

अयोध्या कांड-अयोध्या कांड में एक 119सर्ग है इसमें राम के राज्याभिषेक की तैयारी, मंत्रा के बहकाने पर कैकेई द्वारा राजा दशरथ से  दो वर माँगना,  जिनमें राम के लिए 14 वर्ष का वनवास,और अपने पुत्र भरत का राज्याभिषेक,राम का लक्ष्मण और सीता सहित वन को गमन, दशरथ का राम के वियोग में प्राणत्याग देना ,भारत द्वारा राज्य को ठुकराना, अपने भाई राम को मनाने के लिए चित्रकूट  गमन, राम की अयोध्या आने के लिए अस्वीकृति भारत द्वारा राम की पादुकाओं को अयोध्या लाना , भरत का शपथ ग्रहण,राम भारत को राजधर्म का उपदेश देते है जाबालि का नास्तिक मत, राम द्वारा उसका खंडन,राम का चित्रकूट छोड़कर दंडकारण्य में प्रवेश का वर्णन इसी कांड में है 

अरण्यकांड --इसमें  75सर्ग है इसमें राम लक्ष्मण सीता का दण्डकारण्य में निवास करना,बिराध जैसे राक्षसों का वध करना, पंचवटी में प्रवेश, शूर्पनखा का आगमन , उसका राम लक्ष्मण से विवाह के लिए याचना ,लक्ष्मण द्वारा उसकी नाक काटना ,खरदूषण आदि  चौदह हजार राक्षसों का वधकरना ,रावण द्वारा सीता का हरण ,जटायु द्वारा सीता की रक्षा के लिए प्रयास करना, जटायु का रावण द्वारा वध ,  राम लक्ष्मण सीता की खोज करते है ,  राम की कबंध राक्षस से भेंट ,शबरी प्रसंग ,शबरी द्वारा सुग्रीव सेेे मित्रता का  परामर्श देना ,पंपा सरोवर के दर्शन आदि घटनाएं यहाँ वर्णित है। 

b>किष्किंधा कांड --इसमेंं 67सर्ग है इस कांड की प्रमुख घटनाएं है --हनुमान द्वारा राम और सुग्रीव की मित्रता कराना, राम द्वारा  सुग्रीव के भाई बाली का वध करना ,सुग्रीव और अंगद का राज्याभिषेक ,सुग्रीव का राम को सीता माता की खोज के लिए वचन देना, राम का प्रस्त्रवणगिरी पर 4 माह तक  जीवन यापन,  सुग्रीव द्वारा वानर सेना को सीता माता की खोज करने का आदेश, हनुमान की  संपाति से भेंट, संपाति द्वारा सीता केेेे रावण की अशोक वाटिका में होने की सूचना , जामवंत  हनुमान को उनकी स्वयं की शक्ति को जगाने के लिए उद्बोधन करते हैं। 

सुंदरकांड -- इसमें68 सर्ग है हनुमान का लंका में अशोक वाटिका में पहुंचना सीता मां के दर्शन करना सीता मां को श्रीराम की अंगूठी देना, श्रीराम का संदेश सुनाना अशोक वाटिका का हनुमान द्वारा उजाड़ना, लंकापति रावण के आदेश पर हनुमान की पूंछ में आग लगाना ,हनुमान का समुद्र में पहुँचकर  आग बुझाना  पुन: सीता का संदेश लेकर  अपने स्वामी श्री राम तक पहुंचने का वर्णन है

युद्ध कांड या लंका कांड रामायण के 7 कांडों में यह का सबसे बड़ा है इसमें  128 सर्ग है।इस कांड के अंतर्गत राम रावण के युद्ध का वर्णन है राम रावन को मारकर किस प्रकारअयोध्या आते हैं ,का वर्णन  है  विभीषण का राज्यभिषेक, सीता की अग्नि परीक्षा, ब्रह्मा द्वारा भगवान राम की स्तुति, दशरथ और इन्द्र के उपदेश ,भारद्वाज आश्रम से हनुमान को भारत के पास अयोध्याआगमन की सूचनार्थ भेजना, रामभरत का मिलन, राम का राज्याभिषेक राम द्वारा प्रजा पालन आदि के वृतांत इसमें है
उत्तर कांड इसमें कुल एक सौ ग्यारह सर्ग है कुछ विद्वान इस काण्ड को प्रक्षिप्त मानते हैइस कांड में भी बाल कांड के समान अनेक इतिहास और पौराणिक  आख्यानो कीभरमार हैसीता का जनअपवाद, सीता का परित्याग राजा नृग उर्वशी,ययाति महर्षि वशिष्ठ के आख्यान , शत्रुघ्न द्वारा लवणासुर का वध, लव कुश का जन्म, राम का अश्वमेध यज्ञ करना लव कुश का रामायण,सीता का पृथ्वी में समाना कौशल्या आदि माताओ  का परलोक गमन , लव कुश का राज्य अभिषेक महत्व स्थान श्री राम महाप्रस्थान जैसे सभी वृतांत यहाँ वर्णित है।  

Nishkarsh इस प्रकार समग्र रूप में देखा जाए तो रामायण में कुल 645 सर्ग है और 24000 Shlok है बालकांड के प्रारंभ में 500 सर्गो उल्लेख है अत:145 सर्ग प्रक्षप्तांश प्रतीत होते है।


रामायण महाकाव्य केकथानक को आधार बनाकर रची गई रचनाए   

b>भास प्रणीत अभिषेक नाटक, प्रतिमा नाटक 
मुरारी प्रणीत  अनर्घराघव महाकाव्य  
जयदेव प्रणीत प्रसन्न राघवम्
 भवभूति प्रणीत उत्तररामचरितम् महावीरचरितम् नाटक  
कालिदास प्रणीत रघुवंशम् महाकाव्य  
 कुमार दास प्रणीत जानकी हरण महाकाव्य

 रामायण और महाभारत दोनों आर्ष महाकाव्य माने जाते हैं