रविवार, 19 अप्रैल 2020

Aaj ki quotes#प्रकृति की सता#poem on lockdown

प्रकृति की सता#poem on lockdown

इस महामारी ने अहम से आसमान मे
 उडने वालो को भी जमीन पर ला दिया।
जो भूल गये थे घर का रास्ता 
उसे घर का आंगन याद दिला दिया
जो आज तक नियम कानूनो को
 अपने हाथ की कटपुतली समझते रहे।
आज कुदरत की मार ने उन्हे जंजीरो मे लिपटा दिया।
 प्रकृति पर अत्याचार कर प्रभुत्व समझने वाले 
दानवो को नही पता कि खुद उसका अस्तित्व कितना है।
प्रकृति से अपने को ऊँचा समझा...
 तो बेशक उसका अस्तित्व मिटना है।

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