शनिवार, 5 फ़रवरी 2022

बसंत पंचमी की शुभकामनाएँ/बसंत पंचमी विशेष✍️📗📗📒📒📚

 मेरे हर शब्द में तू समाहित माँ

 तेरी कृपा बिन न मैं कलम उठा पाती 

न ही दो शब्द भी लिख पाती।


तेरी इस असीमकृपा को मेरा अनन्त वंदन है।

तूने मुझे बना दिया माटी से चंदन है।

 तेरी कृपा से ही यह सृष्टि मानो जीवंत है।

तेरे प्रेम से ही हर जीवन में छाया वसंत है।

आज खिली फूलों की हर डाली तेरे स्वागत में झूम रही है।

बहती मंद मंद बयार तेरे पावन चरणों को चूम रही है।

तेरी ही अपार महिमा से एक अनोखी धुन सृष्टि का हर कण गा रहा है।

माँ तेरी दिव्य ज्योति से ही यह जहां शोभायमान हो रहा है।

बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएँ....✍️

🙏💐💐





रविवार, 16 जनवरी 2022

हूँ कुदरत का अभिन्न रूप मैं

 कभी सूर्य सा तेज बन तमस को हर लेता हूँ।
कभी चंचल मेघ बन बंजर धरा पर बरस लेता हूँ।
कभी शीतल पवन बन फिजाओं को महका देता हूँ।
कभी अविरल सलिल बन रास्ता बना लेता हूँ।
कभी बन आकाश सा अनंत गंभीर मैं हर शब्द में सुनाई देता हूँ।
हूँ कुदरत का अभिन्न रूप मैं, करिश्में सा दिखाई देता हूँ।
    कविता= हूँ कुदरत का अभिन्न रूप मैं