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संस्कृत व्याकरण |
nbsp; "उपदेशेजनुनासिक इत् "से किस वर्ण की इत्संज्ञा होती है?--अनुनासिक वर्ण की अनुनासिक वर्ण कौन कौन से है?--ञ,म,ड,ण,न स्पष्टीकरण --वे वर्ण जो मुख और नासिका दोनो के सहयोग से उच्चारित होते है अनुनासिक वर्ण कहलाते है। लोप संज्ञा विधायकसूत्र कौनसा है?--अदर्शनं लोप:
स्पष्टीकरण --
यहाँ अदर्शनं का अर्थ दिखाई नही देना नही है किसी वर्ण की ध्वनि का उच्चारण होने पर भी सुनाई नही देना है क्योकि ध्वनि श्रवण का विषय है लोपविधि सूत्र कौनसा है?--तस्य लोप:
स्पष्टीकरण--इत्संज्ञा करने वाले अनेक सूत्र है लेकिन सभी इत्संज्ञको का लोप तस्य लोप:सूत्र से ही होता है। " आदिरत्येन सहेता" सूत्र किस प्रकार का है?--प्रत्याहार संज्ञाविधायक सूत्र है।स्पष्टीकरण--इस सूत्र के अनुसार अन्तिम इत्संज्ञक वर्ण सहित आदि वर्ण (प्रारम्भिक वर्ण) स्वय की तथा मध्य मेंआए हुए वर्णो की प्रत्याहार संज्ञा का बोध कराता है।
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प्रत्याहार विधायक सूत्र |
"अण्" प्रत्याहार में प्रत्याहार संज्ञक वर्ण कौन से है?--
स्पष्टीकरण अण् प्रत्याहार का पाठ दो बार होता है। (1)अ,उ,उ( 2) "लण् " माहेश्वर सूत्र पर्यन्त तक के वर्णआते है।(अणुदित्सवर्णस्य चाप्रत्यय सूत्रानुसार)
नोट ण् यहाँ इत्संज्ञक वर्ण है।इत्संज्ञक वर्ण का प्रयोग प्रत्याहार निर्माण में होता है ,लेकिन प्रत्याहार संज्ञक वर्णो की गणना प्रक्रिया में नही "ह्रस्वादिसंज्ञा" विधायक सूत्र कौनसा है?--ऊकालोज्झ्रस्वदीर्घप्लुत स्पष्टीकरण:--इस सूत्र के अनुसार उ,ऊ,ऊ3 इन तीनो के उच्चारण काल के समान काल है ,जिसका वे स्वर क्रमश: ह्रस्व,दीर्घ,प्लुत संज्ञक होते है। उदात्त संज्ञा विधायक सूत्र है?--उच्चैरुदात्त: पाणिनीय शिक्षा के अनुसार वर्णो के कितने उच्चारण स्थान है ?--8 (उर,कण्ठ,शिर,जिह्वामूल,दन्त,नासिका ,ओष्ठ,तालु)
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पाणिनाय शिक्षा केअनुसार उच्चारण स्थान |
संस्कृत व्याकरण महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर Practice set 1
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