बुधवार, 24 फ़रवरी 2021

कविता-उडान#poem#motivational

 अगर खुले आसमां में उडने को है बेकरार

फिर उडने को कर हौसलो के पंखो को तैयार

रंग बिरंगे खगो की उडान को निहार तू

समाज की जंजीरो से मुक्त होकर भर दिल से गहरी (ऊँची)उडान तू

जीवन को बना ले एक खुला आसमान

 इंद्रधनुषी होगी देख फिर तेरी देख शान


उडान


हे कृष्ण.....मुझे अर्जुन बना दीजिए


2 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…
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बेनामी ने कहा…
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